श्री श्याम निशान यात्रा सेवा संघ द्वारा श्री खाटू स्याम राजस्थान में 7 मार्च से फ़ागुन मेले में लंगर का आयोजन किया जाएगा – संचित सिंगला, अतुल लुटावा
मंडी गोबिंदगढ़, 29 जनवरी (मनोज भल्ला) – श्री श्याम निशान यात्रा सेवा संघ रजिस्टर्ड मंडी गोबिंदगढ़ की एक विशेष बैठक संस्था के अध्यक्ष अतुल लुटावा की अध्यक्षता में गोल्डन हाइट्स होटल में हुई। शहर के प्रमुख समाजसेवी एवं उद्योगपति नारायण सिंगला (नारायण एंड कंपनी), अरुण अग्रवाल (अंबिका ग्रुप), महेश गुप्ता (ईशा गोदाम) एवं संचित सिंगला मुख्य रूप से शामिल हुए। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए विशाल शाही व पंकज प्रिंस ने बताया कि श्री श्याम निशान यात्रा सेवा संघ संगठन का ट्रस्ट बनाकर संगठन के मुख्य संरक्षक नारायण सिंगला, बलविंदर गुप्ता, महेश गुप्ता, अरुण अग्रवाल संचित सिंगला को नियुक्त किया गया । अतुल लुटावा को अध्यक्ष, दीपक खुल्लर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गौरव गुप्ता को उपाध्यक्ष, राजीव गर्ग को सचिव, ललित गर्ग को सहसचिव, मोहित मित्तल मनु को कोषाध्यक्ष , ऋषिराज गोयल को संयुक्त कोषाध्यक्ष, विशाल शाही और पंकज प्रिंस को पीआरओ, वरिष्ठ सदस्य दीपक धारीवाल, निखिल चुघ, सुरिंदर मोहन सेठी, राजिंदर शर्मा, मदन गुप्ता, विकास गुप्ता, हितेश गावड़ी, सोहन लाल वर्मा को नियुक्त किया गया। इस दौरान बैठक में संचित सिंगला ने बताया कि फ़ागुन मेले में 7 मार्च से 11 मार्च तक विशाल लंगर का आयोजन किया जाएगा, जो 6 मार्च को रवाना होकर राजस्थान के खाटूश्याम जी तक पहुंचाया जाएगा। मंडी गोबिंदगढ़ के लोगों के लिए मंडी गोबिंदगढ़ की धर्मशाला के निर्माण का शिलान्यास 10 मार्च को किया जा रहा है, जिसके लिए बहुत जल्द ईंटों का पूजन किया जाएगा। इस अवसर पर संगठन द्वारा पिछले तीन वर्षों में किये गये कार्यों के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा अतुल लुटावा और मोहित मित्तल ने सभी को संबोधित किया और सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। अंत में संस्था के मुख्य संरक्षक नारायण सिंगला ने सभी सदस्यों से भविष्य में भी अपना सहयोग जारी रखने की अपील की। इस अवसर पर रजत अग्रवाल, समीर बांसल , साजन गोयल, महेश बरडेजा, अंकुर गर्ग, राकेश जैन, कुपिंदर बांसल , नारायण दास वर्मा, सीता राम गुप्ता, धीरज सिंघी, संजीव गुप्ता, जिनेश जैन, हनी शर्मा, पंकज जैन, धीरज जैन , मुकेश जट्टा, सचिन शाही, अजय गोयल, मुनीश गोयल, रिपन कांसल , मणि कांसल , मोहनीश कांसल आदि मौजूद थे।