कथा में अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने भगवान शिव के द्वादश जोर्तिलिंग स्वरुप का वर्णन  वर्णन किया – Punjab Daily News

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कथा में अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने भगवान शिव के द्वादश जोर्तिलिंग स्वरुप का वर्णन  वर्णन किया

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कथा में अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने भगवान शिव के द्वादश जोर्तिलिंग स्वरुप का वर्णन  वर्णन किया

मंडी गोविंदगढ़,24 अगस्त (मनोज भल्ला)आचार्य नित्यानन्द गिरि जी वृंद्धावन वालों की तरफ़ से  मंडी गोबिंदगढ़ के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर शास्त्री नगर में श्री शिवमहापुराण कथा चल रही है। श्री हरि कथा समिति के चेयरमैन प्रकाशचंद गर्ग व अध्य्क्ष डॉ मनमोहन कौशल  के सानिध्य में अरुण अग्रवाल (अम्बिका ग्रुप) के द्वारा शिवमहापुराण की पूजा अर्चना कर व महाराज जी को मालार्पण कर कथा का शुभारंभ करवाया। कथा में आज के भोग प्रशाद महावीर प्रसाद गुप्ता (सी.एल.आई.ए. एलआईसी), संगीता गुप्ता, रोहित गुप्ता,रितिका गुप्ता परिवार की तरफ बांटा गया। इस मौके पर संजय कुमार मनोचा  ( सीनियर ब्रांच मैनेजर एलआईसी ) सुधीर महाजन (असिस्टेंट मैनेजर एलआईसी) ओर राजिंदर कुमार   ( डी.ओ. एलआईसी) विशेष रूप से कथा सुनने व आचार्य नित्यानन्द गिरि जी का आशिर्वाद प्राप्त करने हेतु पहुंचे।

श्री शिव महा पुराण कथा के अष्टम दिवस अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने भगवान शिव के द्वादश जोर्तिलिंग स्वरुप का प्राकट्य वर्णन तथा पूजन विधी का वर्णन किया।अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने कहा कि प्रथम ज्योर्तिलिंग  ज्योर्तिलिंग सोमनाथ के प्राकट्य एवं महाकाल शिवलिंग के अद्‌भूत चमत्कार का वर्णन किया। विश्वेशवर ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ भगवान का वर्णन विस्तृत किया गया।

अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने कहा कि गौतम पत्नी अहिल्या के तपसे संतुष्ट भगवान शिवाजी ने उन्हें दर्शन देकर स्वयं वहा बिराजमान हो गये ओर त्रयम्बकेश्वर कहलाये क्योंकि ब्रहमा, विष्णु महेश, तीनों के रूप मे प्रतिष्ठित हुए।घुश्मा के भक्ति से प्रसन्न हो भगवान शिव जी उसके मरे हुए पुत्र को जीवन प्रदान कर जगत के भक्तो को भक्ति मे शक्ति का सन्देश दिया तथा 13 स्वयं घुश्मेश्वर नाम से विख्यात हुए।

अचार्य नित्यानंद गिरि जी ने कहा कि भगवान श्री हरि नारायण प्रतिदिन भगवान शिव जी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर केदार  क्षेत्र में आराधना किया करते थे जिससे प्रसन्न  होकर भगवान शिव प्रकट हो गये तथा केदारनाथ के रूप में विख्यात हो गये भगवान श्रीराम जीने लंका विजय के पूर्व शिव आराधना कर स्वयं शिवलिंग का स्थापना किया जिन्हे रामेश्वरम के नाम से जाना जाता है।इस शुभ समय पर श्री हरी कथा समिति चेयरमैन प्रकाश चंद गर्ग, प्रधान मनमोहन कौशल,महा सचिव सुरेश गुप्ता, सचिव संदीप गोयल, सज्जन गोयल,शरण दास मित्तल , विमल बंसल,राकेश गुप्ता ,कैलाश शर्मा ,जगदीश गुप्ता , मोहन डाटा , कमलकांत ,रमेश धालीवाल ,कुलदीप कुमार ,ब्रिज मोहन गुप्ता ,रुलदू राम, मोती लाल सेतिया ,राम निवास, राजीव सिंगला ,सुरिंदर सिंह ,राजिंदर कपलिश ,ओम प्रकाश डाटा ,शिव चरण ,दविंदर सिंघी ,विमल महावर ,सुरेश बंसल (बबली ) , आर.पी. शारदा परमजीत शर्मा ,अनिल अग्रवाल पिंकी,जी.एस.राय  ,लक्ष्मी मित्तल , राज रानी , यशोदा रानी , अनुराधा गोयल अनीता सिंगला, काफी सख्यां में भक्त उपस्थित थे

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